SANITY FOUNDATION NASHA MUKTI PURNIA
हमारे केंद्र में किसी भी तरह का नशा करने के आदी व्यक्ति को प्रेमपूर्ण माहौल में रखकर योग, ध्यान, मनोवैज्ञानिक उपचार, ग्रुप थैरेपी (Group Therapy), पंचकर्म तथा मेडिकल ट्रीटमेंट के संयोजन से बनाये गए कार्यक्रम की सहायता से नशे से पूर्ण छुटकारा दिलवाया जाता है। अमेरिका के “ऐल्कोहोलिक्स एनोनिमस तथा नारकोटिक्स एनोनिमस” कार्यक्रम की मदद से विश्व में पचास लाख से ज्यादा लोग नशे से दूर हो चुके है। ये नशा मुक्ति हेतु सबसे प्रभावी कार्यक्रम है। इसके द्वारा नशे से पीड़ित व्यक्ति में उसकी समस्या तथा उनके कारण उसके परिवार को होने वाली समस्या को स्वीकारने की भावना उत्पन होती है और जब वह स्वीकार कर लेता है कि वह एक शराबी या नशेडी है तथा तब उसमे सुधार की शुरुवात होती है। इसके द्वारा पीड़ित व्यक्ति को पता चलता है कि वह क्यों नशे पर नियंत्रण नहीं रख पाता है क्योकि जिसे वह व्यक्ति और समाज बुरी लत समझते है वह लत नहीं एक बीमारी है। जोकि “अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन” की रिसर्च से भी सिद्ध हुआ है। जिसे “एडिक्टिव पर्सनालिटी डिसऑडर” नाम दिया गया है।
nasha mukti
SANITY FOUNDATION
शराब (ALCOHOL), गांजा(CANNABIS/MARIJUANA), ब्राउन शुगर(BROWN SUGAR), स्मैक(SMACK), अफीम(OPIUM), चरस(HASHISH), टॅब्लेट्स, सिलोचन, थिनर आदि से छुटकारा
इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति का अपने नशे की मात्रा पर नियंत्रण नहीं होता है और न कभी हो सकता है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति जब भी मन: स्तिथि (mood after) में परिवर्तन लाने वाले पदार्थ जैसे: शराब, गांजा, ब्राउन शुगर आदि के संपर्क में आता है तो वह उनका आदी हो जाता है।
पीड़ित व्यक्ति अपने नशे को नियंत्रित नहीं कर पाता तथा अपने जीवन, सम्मान अपने काम तथा परिवार को दांव पर लगाकर नशा करता है। हम कह सकते है की व्यक्ति का कब, कहाँ और कितना नशा करना है इस बात का नियंत्रण समाप्त हो जाता है अर्थात वह कभी भी,कही भी और कितना भी नशा कर लेता है। वह इस बीमारी से पीड़ित होता है इसे एक बढ़ती हुई बीमारी माना जाता है। लंम्बी अवधि तक नशा करने के कारण इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के मस्तिष्क की सेल्स(कोशिकाएँ)मृत हो जाती है। जिससे उसकी निर्णय लेन की शक्ति समाप्त हो जाती है तथा नशे पर शारीरिक तथा मानसिक निर्भरता बढ़ जाती है। शारीरिक निर्भरता से तात्पर्य नशा ना मिलने पर बैचेनी, सिरदर्द, हाथो का काँपना, शरीर में अकड़न आदि होता है, जिसे मेडिसिन के द्वारा शरीर को डिटॉक्स करके 21 दिन में दूर कर दिया जाता है। मानसिक निर्भरता से तात्पर्य भविष्य के डर, अतीत का पश्चाताप, क्रोध, खुन्नस, असफलता, घर में विवाद या लड़ाई होने पर नशे की और जाने से है। इसके उपचार हेतु हमारे केंद्र में प्रशिक्षित व्यक्तियों द्वारा योग, पंचकर्म, ध्यान तथा मनोवैज्ञानिक उपचार द्धारा मस्तिष्क के असक्रिय सेल्स को सक्रिय करवाया जाता है। जिससे वह सही-गलत का निर्णय लेने, वास्तविकता को स्वीकारने, आत्म-विश्वास पाने, स्वयं से प्रेम करने एवं बिना नशे के जीवन की समस्याओ का सामना करने के योग्य हो जाता है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि नशा करने वाले सभी लोगों को यह बीमारी नहीं होती है, लगभग 10 प्रतिशत नशा करने वालो को छोड़कर बांकी लोगो का नशा पर नियंत्रण होता है, ऐसा नहीं की पीड़ित व्यक्ति नशा छोड़ना नहीं चाहता है पर उसकी नशा छोड़ने की योजना हमेशा कल से होती है। हमारे केंद्र में उसे आज और अभी की योजना को लागू करना सिखाया जाता है। अतः आवश्यकता है की हम इस बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को इस बीमारी से उभरने में सहायता कर उसे सुधार का अवसर अवश्य दें, जिससे की वह और उसका परिवार भी अच्छा जीवन जी सके। हमारे केंद्र में भर्ती व्यक्ति को पोष्टिक भोजन, प्रेमवत व्यवहार , सम्मान , मनोरंजन तथा इंडोर गेम्स की सुविधा उपलब्ध है। हमारे यहाँ पीड़ित के परिजनों को भी काउंसिलिंग दी जाती है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति से कैसा व्यवहार करे बताया जाता है। हमारे केंद्र में भर्ती हेतु पीड़ित व्यक्ति को घर से लाने की विशेष सुविधा उपलब्ध है। प्राप्त जानकारी को किसी जरूरतमंद तक अवश्य पहुँचाये। नीचे दिये गये नम्बरो पर सम्पर्क करें।9142445507। 8676830081
Comments
Post a Comment